क्या है नैनो तरल यूरिया, किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है? आइये जानते हैं

नैनो यूरिया का इस्तेमाल कैसे करें, कितना पानी, कब छिड़काव
नैनो यूरिया के उपयोग से फसल की पैदावार में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अल्ट्रामॉडर्न नैनो फर्टिलाइजर प्लांट (Nano Urea Liquid plant) की स्थापना की गई है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को कलोल, गुजरात में इफको के साथ मिलकर किया , इसे करीब 175 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस प्लांट से रोजाना 500 मिलीलीटर की लगभग 1.5 लाख बोतलों का उत्पादन होगा। जो कि किसानों को उत्पादकता बढ़ाने और अपनी आय बढ़ाने में मदद करेगा करेगा। इफको नैनो यूरिया (IFFCO Nano Urea) एकमात्र नैनो फर्टिलाइजर है जिसे भारत सरकार ने मान्यता दी है और फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO) में शामिल किया है।

नैनो यूरिया के बारे में

नैनो यूरिया लिक्विड की आधा लीटर की बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है जो सामान्य यूरिया के एक बैग (50KG) के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व देता है। नैनो यूरिया तरल पोषण गुणवत्ता को बढ़ाने में बहुत प्रभावी पाया गया है जिससे फसल की उत्पादकता और भूमिगत पानी और पर्यावरण की गुणवत्ता पर एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसे आत्मनिरम्बर भारत और सहकर से समृद्धि के पीएम के दृष्टिकोण के अनुरूप बनाया गया है।

नैनो यूरिया क्या है

(Nano Urea Kya Hai)

नैनो यूरिया नाइट्रोजन का मुख्य स्रोत है, जो पौधों में प्रोटीन के निर्माण, कार्बोहाइडे्रड एवं वानस्पतिक वृद्धि व पौधे की संरचना के लिए उपयोगी है। पत्तियों पर इसका छिड़काव बहुत लाभकारी हैं नाइट्रोजन सीधे पत्तियों में चला जाता है। जिससे नाइट्रोजन को पौधा बहुत अच्छे तरीके ग्रहण कर पाते हैं।"

कैसे करें नैनो यूरिया (लिक्विड) का उपयोग तथा छिड़काव

नैनो यूरिया (लिक्विड) का उपयोग फसल की पत्तियों पर छिड़काव के माध्यम से करते हैं। छिड़काव के लिए एक लीटर पानी में आप 2-4 मिलीलीटर नैनो यूरिया मिलाना होता है। एक फसल में दो बार नैनो यूरिया का छिड़काव किया जाता है।

इफको नैनो यूरिया का इस्तेमाल कैसे करें

नैनो यूरिया तरल का इस्तेमाल किसान अपने खेतों में प्रति एकड़ के हिसाब से प्रति 15 लीटर स्प्रे टैंक में 30 ml के बराबर डालेंगे. लिक्विड तरल के इस्तेमाल से पहले बोतल को अच्छी तरीके से हिलाना चाहिए तथा इस लिक्विड का इस्तेमाल दो बार किया जाता है। किसानों को पहला छिड़काव फसल के अंकुरण के 30 दिन बाद और दूसरा छिड़काव पहली स्प्रे के 20 से 25 दिन बाद करना है. ध्यान रखने वाली बात यह है कि छिड़काव करते समय हाथ में दस्ताने और फेस मास्क पहनना होगा.